Monika garg

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लेखनी कहानी -14-Nov-2022# यादों के झरोखों से # मेरी यादों की सखी डायरी के साथ

हैलो सखी ।

कैसी हो।
बातें तो बहुत याद आती है ।जो इस साल मे घटित हुई ।बस एक एक करके तुम्हें बताऊं गी।
आज जरा विलम्ब से आयी अपनी बात रखने के लिए। मैंने शायद बताया नही कि मै एक बिजनेस वुमन हूं।सो नवीन धारण करने के लिए पुरातन छोड़ना पड़ता है।
कुछ सामान था वो सेल करना पड़ा औने पौने दामों में।
 जबसे लाकडाऊन की मार पड़ी है सारे काम धंधे का विनाश हो रहा है।चलो छोड़ो हां मै कल बता रही थी कि भांजे की शादी कार्ड वहटस अप के जरिए प्राप्त हुआ।पर कार्ड मे दीदी के नाम के आगे स्वर्गीय लिखा था आंखें नम हो गयी।

बात तो 5 साल पुरानी है पर लगता ही नही वो हमारे बीच नही है ।मौत क्या थी हादसा था ससुर जी के लिए शाम का खाना बना कर नहाधो कर गर्मी की शाम को ऊपर छत पर चली गयी। जीजा जी को आने के लिए टाइम था सो सोचा थोड़ा छत पर टहल लूंगी और ऊपर देवरानी रहती थी उससे बातें करने लगी।अपनी तरफ से तो दीदी गैस बंद करके गयी थी।पर शायद जब ससुर जी को रोटी दे रही थी तो वो मंदी करके गयी होगी और वो पीछे से भभक कर बुझ गयी । दीदी ने सोचा गैस बंद है ।जैसे ही दीदी जीजाजी के लिए फुल्क सेंकने रसोईघर में गयी और लाईटर जलाया गैस एकदम से भभक गयी और दीदी को आग लग गयी,,😭😭सात दिन सफदरजंग अस्पताल दिल्ली में रही और सदा के लिए हमे छोड़ गयी।इस शादी मे जाना मेरी तरफ से उन्हें श्रद्धांजलि है।
अब चलती हूं सखी ।देर हो रही है। अलविदा।

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3 Comments

Rafael Swann

17-Nov-2022 01:00 PM

Adwitiya 🌹👏

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Very nice 👌🌺

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Gunjan Kamal

16-Nov-2022 08:32 PM

शानदार

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